हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की नौकरियों में अतिरिक्त अंक देने के लिए समाज-आर्थिक मापदंड को असंवैधानिक ठहराया |
Haryana Staff Selection Commission
तो दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं हरियाणा हाईकोर्ट में HSSC के खिलाफ़ जो कुछ बच्चों ने केस डाला हुआ था, कुछ ने नहीं। लगभग ऑलमोस्ट जो है ऐसा ही लग रहा है की ये सभी बच्चों ने डाला हुआ है। क्योंकि HSSC ने जब से ये SOCIO ECONOMIC के 5 नंबर डाले हैं, तब से बच्चों के साथ काफी नाइंसाफी हुई है। बच्चों को मेरिट के बेस पर नहीं लगाया जा रहा है। मुफ्त की रेवड़ी जो है बाँटी जा रही है।
काफी बच्चो का इससे नुकसान हुआ है कट ऑफ 5 नंबर सीधे ऊपर जा रही है। अगर हम इसको रिलेट करते थोड़े बहुत नंबर से एक दो नंबर अगर दिए जाते हैं किसी चीज़ के बेस पे तब तक भी ये चीज़ जायज थी | पर बच्चों को धड़ल्ले से ऐसे नंबर दिए गए पांच पांच नंबर जिनकी पहले की भर्तियों में तो जिनकी वेरिफिकेशन भी नहीं की थी, जिन्होंने धड़ल्ले से पांच नंबर दिए बच्चों को, जिसका रीज़न ये हुआ कि जो बच्चे तैयारी कर रहे थे, उनके साथ काफी भेदभाव हुआ |
पाँच नंबर हटाए जाने के मुख्य कारण इस प्रकार से है |
मेरिट बेस इलेक्शन नाउ पाना |
डबल रिजर्वेशन |
इक्वैलिटी न होना |
क्वालिटी सेलेक्शन न हो पाना |
आर्थिक आधार का पैमाना सही न होना |
रूल सही तरीके से इम्प्लिमेंट नहीं होना |
परिवारवाद को थोपना |
सभी परिवार एक जैसे नहीं होते हैं और सभी की जो है सिचुएशन एक जैसी नहीं होती है तो सभी को एक तरह से आंकना बिल्कुल गलत |
उच्च न्यायालय ने इसे असंवैधानिक ठहराया और इसे बाहर किया। इस मापदंड के तहत, ऐसे उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक मिलते थे जिनके परिवार में किसी भी सरकारी नौकरी वाला कोई सदस्य नहीं था। इसके अलावा, जिनके पिता जीवित नहीं थे और अन्य पैमानों के तहत भी अधिकतम 10 अंक थे। यह मापदंड प्राधिकृत था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे संविधान के खिलाफ ठहराया ।
इस निर्णय के बाद, हरियाणा को अब सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के आधार पर नई मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया गया है। इसमें केवल CET में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन होगा। इस मामले में प्राथमिक याचिकाकर्ताओं ने यह दावा किया कि उन्हें समाज-आर्थिक मापदंड के आधार पर दिए गए अतिरिक्त अंकों के कारण उच्चतम योग्यता वाले उम्मीदवारों का चयन नहीं हुआ। इसके अलावा, उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के खिलाफ भी न्यायिक न्यायालय के निर्णय का समर्थन किया गया है।
इस निर्णय से सामाजिक-आर्थिक मापदंड के आधार पर अतिरिक्त अंक देने की प्रक्रिया बंद हो गई है
HSSC के द्वारा सोशियो इकोनॉमिक के जो पाँच नंबर दिए जाते थे हाई कोर्ट के द्वारा वो हटाने के बाद से इस पर काफी बच्चो के ऊपर फर्क पड़ने वाला है इसका जो उसकी मेन वैकेंसी या जो रिलेट थी ईटी से उसके ऊपर का फर्क पड़ेगा। जिसमे की चार गुना जो बच्चे बुलाए गए थे, जिनको पाँच नंबर पहले से ही दिए गए थे। वो जो है CANCEL किया जाएगा और वापस से रिवाइज़ करने के बाद जिसमें से 5 नम्बर हटाने के बाद दोबारा से रिवाइज़ लिस्ट डाली जाएगी और उसके बाद बच्चों को एग्जाम कंडक्ट करने का मौका मिलेगा ।
पर जो बच्चे काफी पहले ही ज्वॉइन कर चूके थे तो उनके साथ सिचुएशन ये रहेंगी कि फिलहाल तो JOIN रहेंगे पर एग्जाम कंडक्ट करना पड़ेगा। अगर उस लिस्ट में उनका नाम आता है तो कोई दिक्कत नहीं | Otherwise उनको देखते है की HSSC क्या करेगी | Group D के ऊपर इसका कोई इफ़ेक्ट नहीं पड़ेगा क्योंकि Group D में HSSC दो लिस्ट जारी की थी। एक 5 नवंबर जोड़कर और एक बिना 5 नंबर के तो ग्रुप डी में कुछ ज्यादा खास फर्क पड़ने वाला नहीं है और साथ में।
पाँच नंबर कैंसिल होने से भर्तियों पर जो है इसका काफी असर पड़ने वाला है।
जैसे कि TGT में बिना पांच नंबर के रिज़ल्ट दिया जाएगा। तो अब ऐसा लग रहा है की रिज़ल्ट जो है जल्दी से जल्दी TGT का तो जून में ही दे देंगे।
जो भर्तियां जिनका की रिज़ल्ट पेंडिंग है और इसके साथ में जो भर्तियां। सीईटी के द्वारा होनी थी या फिर जो ऐसी वैकेंसी है जो जिनकी अभी तक Exam नहीं हुए हैं, अब उनमें कोई बाधा नहीं आएगी |
दोबारा से लिस्ट तैयार करने के बाद रिवाइज़ रिज़ल्ट के साथ में सभी भर्तीया जल्दी होंगी ।
एग्जाम बहुत जल्दी से जल्दी होंगे। और सरकार आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही जो है कोशिश करेगी कि ये सारी भर्तियां पूरी करवाई जा सके।
जो बच्चे फिलहाल तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए काफी ये बेनेफिशियल होने वाली है।
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